यह संकल्प लेने से होगी संतान की प्राप्ति

श्रीनगर स्थित ऐतिहासिक कमलेश्वर महादेव मंदिर में बैकुंठ चतुर्दशी को संतान प्राप्ति के लिए 150 श्रद्घालुओं ने खड़े दीये का संकल्प लिया।

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दो दिवसीय इस धार्मिक आयोजन की शुरुआत शुक्रवार से हुई। इस दौरान क्षेत्र के हजारों श्रद्धालु मंदिर में दीपदान करने पहुंचे। ऐतिहासिक बैकुंठ चतुर्दशी मेले को लेकर स्थानीय निवासियों में उत्साह देखा गया। शाम से हजारों की संख्या में श्रद्धालु कमलेश्वर महादेव मंदिर में दीपदान के लिए जुटने लगे थे।

लक्ष बत्तियां अर्पित करने पहुंचे श्रद्धालु
महंत आशुतोष पुरी ने शाम चार बजे से विशेष पूजा कर इस महाआयोजन का शुभारंभ किया। इसके बाद शाम करीब सात बजे से चतुर्दशी तिथि लगने के साथ ही दीपदान का कार्यक्रम शुरू हुआ। आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान शंकर को लक्ष बत्तियां अर्पित करने पहुंचे।

शाम को मुहूर्त के अनुसार महंत ने सभी दंपतियों को खड़े दीये का संकल्प दिलवाया। मान्यता है कि बैकुंठ चतुर्दशी के दिन खड़ा दिया लेने वाले निसंतान दंपतियों को कमलेश्वर महादेव की कृपा से संतान प्राप्ति होती है।

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महंत आशुतोष पुरी के मुताबिक इस बार खड़े दीये के लिए 202 श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, मगर शुक्रवार देर शाम तक 150 लोग ही मंदिर समिति के पास अपनी उपस्थिति दर्ज करवा पाए थे।

खड़ा दीया लेने वाले दंपति संतान के लिए पूरी रात हाथों में जलता दीपक लिए खड़े रहेंगे। अगली सुबह सभी लोग गंगा स्नान के बाद फिर कमलेश्वर महादेव से आशीर्वाद लेंगे।

खड़े दीये में शामिल होने पहुंचे श्रद्धालु
देश के कई शहरों से श्रद्धालु कमलेश्वर महादेव मंदिर में खड़े दीये में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। इनमें लखनऊ, मुंबई, सहारनपुर, दिल्ली, हरियाणा, देहरादून, पंचकुला, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, इलाहाबाद, आगरा, जम्मू के दंपति भी शामिल हैं।

बैकुंठ चतुर्दशी के अवसर पर कमलेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित होने वाले खड़े दीये के लिए जम्मू से आए आरती देवी और शंकर सिंह कहते हैं कि छह वर्ष विवाह को हुए, लेकिन घर में किलकारी नहीं गूंजी। इलाज भी कराया, सफलता नहीं मिली। अब बड़ी आस लेकर यहां पहुंचे हैं।

बड़ी आस्था से आते हैं भक्‍त
प्रतापगढ़ से पहुंचे सारू विश्वकर्मा ने बताया कि 15 वर्ष विवाह को हो गए, सभी चिकित्सकीय जांचें करा ली गई हैं। उनके किसी दूर के रिश्तेदार के यहां खड़ा दीया होने के बाद बच्चे ने जन्म लिया, सो हम भी बड़ी आस्था से यहां आए हैं।

पंचकुला हरियाणा से कुसुम शर्मा व मधु परमार, लखनऊ से अराधना गुप्ता, मुंबई से संगीता बुटोला, महाराष्ट्र के पूना से निधि बलूनी, चंडीगढ़ से आशा, अमेरिका निवासी निधि वर्मा के लिए देहरादून निवासी निधि की ननद संगीता बिरवानी ने खड़े दीये का व्रत रखा है। उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों से भी खड़े दीये में कई दंपति भाग लेने पहुंचे हैं।

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